आर्यन- इश्क़ की अनोखी दास्तां चैप्टर 20
आर्यन 20
मेरी जरूरत नहीं जुनून हो तुम
अब तक आपने पढ़ा रंजना जी मरने की प्रार्थना करती है वही आर्यन जिनी को छेड़ते हुए कहता है कि वह उसके साथ कुछ नहीं करेगा आर्यन खुद से ही कहता है कि वह जब तक उन सबको सजा नहीं देता जिनी को अपनी पत्नी नहीं बनाएगा
अब आगे
जीनी थोड़ी देर में रेडी होकर आती है तो उसे आर्यन कहीं नहीं दिखता है , वो उसे आवाज लगाने लगती है "सुनिए कहां हैं आप"
आर्यन जो उसके पीछे ही खड़ा था उसकी बाजू पकड़कर अपनी तरफ मोड़ता है और उसकी कमर में हाथ डालते हुए कहता है "मेरा नाम आर्यन है,और तुम मुझे बचपन में आरू कहती थी,तो ये सुनिए क्या होता है ,पढ़ी लिखी हो फिर ऐसे कौन ही बुलाता है"
जीनी लगातार उसे घूरे जा रही थी ,अपनी बड़ी बड़ी आंखों को वो झपकते हुए कहती है "वो मां पापा को ऐसे ही बुलाती थी और सब तो आपको आपके नाम से ही बुलाते हैं"
इतना कहकर जीनी खामोश हो जाती है, आर्यन उसकी आंखो में देखते हुए कहता है "तो जाओ अपना पत्नी धर्म निभाओ और मेरे लिए खाना बनाओ"
और उसे छोड़ वहां से चला जाता है....... जीनी किचन में चली जाती है ,आर्यन कमरे में आता है और अपनी गन अपनी कमर में ठुसता है,और शीशे में खुद को देखते हुए कहता है "बहुत होगइ लूका छिपी अब जरा आमना सामना हो जाय"
आर्यन नीचे आता है तो देखता है जीनी खाना लगा रही थी ,आर्यन वहीं खड़ा उसे देखने लगता है फिर उसकी मदद करने लगता है ,उसे काम करता देख जीनी कहती है "आप रहने दीजिए मैं कर लूंगी"
आर्यन मुस्कुराते हुए कहता है "खाना तो दोनो को है ना तो साथ में खाना लगा लेते हैं , जीनी कुछ देर उसे देखती है फिर कहती है "आप मुझसे बहुत प्यार करते हैं ना "
आर्यन उसे कुछ पल। देखता है फिर कहता है "तुम्हें क्या लगता है"
जीनी अपनी नजर झुकाते हुए कहती है "कभी कभीं लगता है हां, कभी कभी लगता है ना , क्योंकि मेरे सिवा आपकी जिंदगी में बहुत सी लड़की आई हैं ,अब आपको मेरी जरूरत नहीं"
आर्यन अपने गुस्से को दबाते हुए कहता है "और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है"..
जीनी उसे एक नजर देखती है , फिर उसकी तरफ पीठ करते हुए कहती है "क्योंकि...... वो आप....... हमेशा मेरे करीब आते हैं,लेकिन"
जीनी अपनी बात अधूरी छोड़ देती है ,लेकिन आर्यन सब समझ रहा था वो कुछ पल खामोश रहता है ,फिर जीनी को पीछे से बाहों में भर लेता है,और उसके कानो के पास अपने होंठ ले जाते हुए कहता है
"मैने आज तक जो किया वो बस मेरे अंदर का गुस्सा था,जो तुम पर था ,और एक बात जिन के सिवा आर्यन को कोई सेटीस्फाई नहींं कर सकता"
आर्यन जीनी की साड़ी का पल्लू उसपर से हटा देता है,और उसके पेट पर हाथ फेरते हुए कहता है "तुम सोच भी नहीं सकती तुम्हे हासिल करने की चाहत कबसे पाले बैठा हूं, जिनके साथ भी रात गुजारी है वो बस गुस्सा था,आर्यन की मोहब्बत ,उसका जुनून ,उसकी ज़िद सिर्फ और सिर्फ जीनी है,जिन जरूरत नहीं जुनून है आर्यन का "
आर्यन उसके सीने को तेज़ से प्रेस करता है ,जिससे जीनी की आह निकल जाति है, और वो उससे दूर जाने की कोशिश करती है लेकिन,आर्यन उसके गले पर किस करते हुए कहता है
"तुमसे दूर रहना मेरे लिए कितना मुश्किल है ये तुम सोच भी नहीं सकती , जिस दिन मेरे सब्र का बांध टूटा तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुम्हारे साथ क्या करूंगा"
आर्यन उसे झटके से अपनी तरफ पलटता है और उसकी कमर पर अपनी पकड़ कसते हुए कहता है "दुबारा मेरी मोहब्बत पर सवाल मत उठाना,मेरी अखरी मोहब्बत तुम हो"
आर्यन उसे छोड़ वहां से बिना नाश्ता किए चला जाता है, जीनी बस उसे देखती रह जाति है ,फिर वो भी तैयार होकर कंपनी के लिए निकल जाति है ,
आर्यन कंपनी आता है ,और बाहर खड़े होकर कंपनी को देखते हुए कहता है "ये नफरत के लिए खड़ी की थी,आज मोहब्बत के काम आयेगी"
वो अंदर चला जाता है और वॉचमैन को कुछ समझा कर अंदर चला जाता है, थोड़ी देर बाद जीनी भी कंपनी आ जाति है और शूटिंग एरिया में चली जाती है,
गंगानगर
रणधीर आज बहुत खुश था ,वो सुबह सुबह कालकोठरी में आता है और कर्मवीर जी , कौशल्या जी, और श्लोक जी को घूरते हुए अपने ही घमंड में कहता है
"कहा था न कर्मवीर तेरी बेटी को कोठे की शोभा बनाऊंगा,लेकिन कोई बात नही ज़्यादा दिन नहीं 23 की तो हो ही गई है ,बस एक साल उसके बाद उसका जिंदा रहना भी जरूरी नहीं है" फिर कुछ सोचते हुए कहता है
"लेकिन उसे मारने से ज्यादा जिंदा रखने में हमारा ही फायदा है, क्योंकि अगर वह जिंदा रहेगी, हमें डबल फायदा होगा, एक ये रियासत ,और दूसरा"
फिर एक तिरछी मुस्कान के साथ कर्मवीर जी की तरफ देखता है और मुस्कुराते हुए कहता है "तू तो समझदार है कर्मवीर समझ ही गया होगा"
रणधीर की बात सुन श्लोक जी हंसते हुए कहते हैं " तू सपने बहुत देखता है रणधीर ,लेकिन अफसोस वह सपने कभी पूरे नहीं होंगे, तुझे क्या लगता है? तू उसे लेकर आएगा और वह तुझे लाने देगा, अच्छा छोड़ तुझे एक बार की बात बताता हूं"
फिर मुस्कुराते हुए कहते हैं "मेरे घर के आंगन में ,पहले एक पेड़ हुआ करता था, उस पर बहुत आम लगते थे ,करीब 8 साल की रही होगी जीनी बगीचे में खेल रही थी, तो ऊपर से एक आम उसके सिर पर गिरा ,लेकिन उसने किसी से कुछ कहा नहीं, और चुपचाप घर आ गई ,हम में से कोई नहीं पहचान पाया की उसके सर में चोट लगी है, शाम को जब आरव घर आया ,सबसे पहले तो उसने जिनी को दो बार ऊपर से नीचे तक देखा ,और फिर जानते हो उसने क्या कहा? उसने कहा कि तुम्हें चोट कैसे लगी है? तो पता है जिनी ने क्या कहा कि उसके सर पर आम गिर गया था लेकिन ज्यादा चोट नहीं लगी है आरव ने अगले दिन पेड़ ही कटवा दिया,.....तो सोचो तुम तो उसकी जीनी को तकलीफ देना चाहते हो वो तुम्हारे साथ क्या करेगा?"
रणधीर उसे घूरते हुए कहता है "जिसका यही नहीं पता की वो जिंदा है भी या नहीं, वो उसे बचाने आयेगा अच्छा मजाक कर लेते हो श्लोक"
श्लोक जी इस बार गुस्से में उसे घूरते हुए कहते हैं "चाहें जहां हो ,इस दुनिया या उस दुनिया में वो आयेगा जरूर, उसके जिन को उसकी मर्जी से सिवा कोई नहीं छू सकता , खुद उसकी जिन भी नहीं,ये तुम देख लेना रणधीर "
रणधीर श्लोक जी को घूरते हुए कहता है "हम भी देखते हैं वो कैसे बचाता है जीनी को"
इतना कहकर रणधीर वहां से चला जाता है और किसी को कॉल करता है.....
क्या सच में आर्यन जीनी से प्यार करता है या है कोई नया खेल? क्या करने वाला है आर्यन ? क्या कहा आर्यन ने वॉचमैन से? क्या जीनी को आरव बचा पाएगा? क्या रणधीर जीनी को कोठे की शोभा बना पाएगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी आर्यन इश्क की अनोखी दास्तान मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय
वानी
डॉ. रामबली मिश्र
18-May-2023 01:21 PM
👌👏👍🏼
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Milind salve
16-May-2023 06:54 AM
अच्छा लिखा आपने
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